पहला दिन

तुम चाहो तो पहला दिन शीर्षक पर कुछ पंक्तियों की कोई कविता भी लिखकर दिखा सकते हो।


उवो कमीज के बटन ऊपर नीचे लगाना

अपने बाल खुद न काढ़ पाना


पीटी शूज को चाक से चमकाना


वो काले जूतों को पैंट से पोछते जाना


ऐ मेरे स्कूल के पहले दिन मुझे जरा फिर से बुलाना


वो बड़े नाखुनो को दांतों से चबाना


और लेट आने पे मैदान का चक्कर लगाना


वो प्रार्थना के समय ईश्वर से मिलना


फिर कक्षा में गुरुजी की बातें सुनना


ऐ मेरे स्कूल के पहले दिन मुझे जरा फिर से बुलाना


वो टिन के डिब्बे को फुटबाल बनाना


ठोकर मार मार उसे घर तक ले जाना


साथी के बैठने से पहले बेंच सरकाना


और उसके गिरने पे जोर से खिलखिलाना


ऐ मेरे स्कूल के पहले दिन मुझे जरा फिर से बुलाना


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